12th Pass scholarship: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की होनहार बालिकाओं को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए कई वर्षों से एक विशेष योजना लागू की गई है, जिसे “गांव की बेटी योजना” कहा जाता है। इस योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2006 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। वर्तमान समय में इसका संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण इलाकों की मेधावी छात्राएं केवल आर्थिक कठिनाइयों या सामाजिक कारणों से 12वीं कक्षा के बाद अपनी पढ़ाई अधूरी न छोड़ें। इसके जरिए स्नातक और तकनीकी शिक्षा दोनों को बढ़ावा दिया जाता है। यह पहल न केवल ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच संतुलन बनाने में सहायक है, बल्कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी अहम योगदान देती है। सरकार का मानना है कि शिक्षित लड़की समाज और परिवार दोनों के लिए प्रेरणा स्रोत बनती है।
अक्सर कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार बेटियों की पढ़ाई को बोझ मानते हैं। ऐसे परिवारों की मदद के लिए सरकार इस योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है, जिससे उच्च शिक्षा का बोझ काफी हद तक कम हो जाता है।
छात्राओं को मिलेंगे ₹5000–₹7500 तक
इस योजना के तहत स्नातक (Graduation) कोर्स में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को ₹500 प्रतिमाह की दर से 10 महीने तक कुल ₹5000 की छात्रवृत्ति दी जाती है। वहीं, इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रोफेशनल कोर्स में पढ़ने वाली छात्राओं को ₹750 प्रतिमाह की दर से 10 महीने तक ₹7500 प्रतिवर्ष की सहायता मिलती है। यह लाभ तब तक मिलता है, जब तक छात्रा की पढ़ाई जारी रहती है।
पात्रता मानदंड
- छात्रा मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की निवासी होनी चाहिए।
- 12वीं कक्षा में कम से कम 60% अंक किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से प्राप्त किए हों।
- सभी वर्ग की छात्राएं आवेदन कर सकती हैं, लेकिन प्राथमिकता आर्थिक रूप से कमजोर (बीपीएल) परिवार की छात्राओं को दी जाती है।
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र
- 12वीं की अंकसूची, समग्र आईडी
- कॉलेज कोड/शाखा कोड, बैंक पासबुक, आधार लिंक्ड खाता
- पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन है। छात्राओं को मध्य प्रदेश छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपनी समग्र आईडी से लॉगिन करना होगा। वहां से “गांव की बेटी योजना” चुनकर पंजीकरण करना है। आवेदन फॉर्म में व्यक्तिगत और शैक्षणिक जानकारी भरने के साथ सभी जरूरी दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करने होते हैं। फॉर्म जमा करने के बाद उसकी एक प्रिंट कॉपी सुरक्षित रखना आवश्यक है।
फॉर्म की जांच और कॉलेज/संस्था द्वारा सत्यापन के बाद राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे छात्रा के बैंक खाते में भेज दी जाती है।
“गांव की बेटी योजना” ग्रामीण छात्राओं को उच्च शिक्षा हासिल करने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान कर रही है। यह न सिर्फ आर्थिक सहारा है बल्कि बेटियों को समाज में अपनी अलग पहचान बनाने का मजबूत माध्यम भी है।