After 12th D Pharma Course: 12वीं के बाद करें यह कोर्स एवं मेडिकल खोलकर कमाएं ₹60000

After 12th D Pharma Course: डी फार्मा (Diploma in Pharmacy) एक 2 वर्षीय प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स है, जिसे खासतौर पर उन विद्यार्थियों के लिए डिजाइन किया गया है जो हेल्थ सेक्टर में जल्दी करियर शुरू करना चाहते हैं लेकिन MBBS या BDS जैसी लंबी पढ़ाई नहीं करना चाहते। इस कोर्स में छात्रों को दवाइयों की संरचना, उनके सुरक्षित उपयोग और वितरण की विस्तृत जानकारी दी जाती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी फार्मासिस्ट के तौर पर मेडिकल स्टोर खोलने का लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। यही वजह है कि डी फार्मा को स्वास्थ्य सेवाओं में एंट्री-लेवल करियर का बेहतरीन विकल्प माना जाता है।

आवश्यक योग्यता

डी फार्मा में दाखिला लेने के लिए छात्र का 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास होना जरूरी है। इसमें फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ बायोलॉजी या मैथ्स विषय अनिवार्य हैं। अधिकतर संस्थानों में न्यूनतम 45% से 50% अंक की शर्त रखी जाती है। कई कॉलेज मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश देते हैं, जबकि कुछ संस्थान अपनी अलग एंट्रेंस एग्जाम भी आयोजित करते हैं। एडमिशन प्रक्रिया के दौरान छात्रों को 12वीं की मार्कशीट, आधार कार्ड, फोटो और आवश्यक प्रमाण पत्र जमा करने होते हैं।

After 12th D Pharma Course

कोर्स की अवधि और संरचना

डी फार्मा 2 साल का कोर्स होता है जिसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों का संतुलन रखा जाता है। पहले वर्ष में बेसिक साइंस, एनाटॉमी और फार्मास्यूटिक्स पढ़ाया जाता है, जबकि दूसरे वर्ष में फार्माकोलॉजी, फार्मा केमिस्ट्री और ड्रग स्टोर मैनेजमेंट जैसे एडवांस विषयों पर फोकस किया जाता है। इसके अलावा, कोर्स के अंत में 3 से 6 महीने की इंटर्नशिप कराई जाती है, जो अस्पताल, क्लीनिक या मेडिकल स्टोर में होती है।

इस डिप्लोमा कोर्स के प्रमुख विषयों में फार्मास्युटिक्स, फार्माकोलॉजी, फार्माकॉग्नोसी, ड्रग स्टोर मैनेजमेंट, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री और ह्यूमन एनाटॉमी व फिजियोलॉजी शामिल हैं। ये विषय छात्रों को दवा विज्ञान और मानव स्वास्थ्य की गहरी समझ प्रदान करते हैं।

करियर संभावनाएँ

डी फार्मा पूरा करने के बाद छात्रों के पास करियर के कई अवसर होते हैं। वे अस्पतालों, क्लीनिक या मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट बनकर कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा फार्मा कंपनियों में क्वालिटी कंट्रोल, रिसर्च लैब, और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में भी नौकरी मिलती है। सरकारी स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों में समय-समय पर फार्मासिस्ट की भर्तियाँ निकाली जाती हैं। इसके अलावा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR), ड्रग इंस्पेक्टर और क्वालिटी एनालिस्ट जैसे पदों पर भी भविष्य बना सकते हैं।

स्वरोजगार

इस कोर्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि विद्यार्थी चाहें तो अपना मेडिकल स्टोर शुरू कर सकते हैं। इसके लिए फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है। मेडिकल स्टोर के जरिए वे प्रिस्क्रिप्शन आधारित दवाइयाँ, सर्जिकल प्रोडक्ट्स और अन्य स्वास्थ्य सामग्री बेच सकते हैं। धीरे-धीरे वे थोक दवा वितरण का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।

आगे की पढ़ाई

डी फार्मा के बाद छात्र बी फार्मा (Bachelor of Pharmacy) में एडमिशन ले सकते हैं और आगे एम फार्मा या रिसर्च फील्ड में भी जा सकते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने से करियर ग्रोथ के साथ-साथ बेहतर सैलरी पैकेज और उच्च पदों पर अवसर बढ़ जाते हैं।

औसत फीस और सैलरी

फीस की बात करें तो सरकारी कॉलेजों में वार्षिक फीस लगभग ₹20,000 से ₹40,000 तक होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह ₹50,000 से ₹1,00,000 तक हो सकती है। कोर्स पूरा करने के बाद शुरुआती वेतन ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह तक मिलता है, जो अनुभव और उच्च शिक्षा के साथ बढ़कर ₹40,000 से ₹60,000 या उससे अधिक भी हो सकता है।

Leave a Comment