Anganwadi Salary Increase News: देश में महिलाओं और बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य तथा शिक्षा से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। गुजरात राज्य में भी लाखों महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत हैं, जिनमें कार्यकर्ता, सहायिका, सुपरवाइजर और आशा जैसे पद शामिल हैं। इन सभी पदों के लिए पहले अलग-अलग मानदेय दिया जाता था, जो वर्तमान में महिलाओं और उनके परिवार की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा था। ऐसे में गुजरात उच्च न्यायालय ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के वेतनमान में वृद्धि का ऐतिहासिक निर्णय दिया है। इस फैसले से इन पदों पर कार्यरत महिलाओं में खुशी का माहौल बन गया है।
पूर्व में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मासिक ₹10,000 वेतन मिलता था, जबकि सहायिका को मात्र ₹5,500 वेतन दिया जाता था। महंगाई और बढ़ते खर्चों के बीच यह वेतन महिलाओं के लिए बहुत कम साबित हो रहा था। अनेक बार महिलाओं ने न्यायालय में याचिकाएं दायर कर वेतन बढ़ाने की मांग की। उनके आर्थिक और सामाजिक हालात को ध्यान में रखते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने अप्रैल में नए वेतनमान लागू करने का निर्देश दिया। अब कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पहले की तुलना में कई गुना अधिक वेतन मिलेगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
नई वेतन व्यवस्था
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मासिक वेतन ₹24,800 निर्धारित किया गया है, जबकि सहायिका को ₹20,300 मासिक वेतन मिलेगा। यह वृद्धि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि वे अपने कार्यों को पूरी जिम्मेदारी और उत्साह के साथ निभा सकेंगी। इसके अलावा उन्हें समाज में अधिक सम्मान और मान्यता भी प्राप्त होगी।
वेतन बढ़ाने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। सबसे बड़ा कारण महिलाओं और उनके परिवार की आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति है। महंगाई के इस दौर में बढ़ते खर्चों के बीच कम वेतन महिलाओं के लिए बोझ बन गया था। साथ ही, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर बच्चों के पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, शिक्षा और जागरूकता फैलाने जैसे कार्यों का अतिरिक्त भार भी बढ़ता गया है। ऐसे में उचित वेतन देना आवश्यक हो गया था ताकि वे बिना किसी आर्थिक चिंता के बेहतर सेवा दे सकें। इसके अलावा महिलाओं की कार्य संतुष्टि और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने की भावना से भी यह कदम उठाया गया है।
सैलरी में बढ़ोतरी का फायदा
गुजरात में लागू किए गए नए वेतनमान को देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा माना जा रहा है। खासकर उत्तर प्रदेश में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लंबे समय से वेतन बढ़ाने की मांग कर रही हैं। वहां भी कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं और न्यायालय से उचित आदेश की उम्मीद की जा रही है। गुजरात का यह निर्णय यह संकेत देता है कि आने वाले समय में अन्य राज्यों में भी महिलाओं के वेतन में वृद्धि हो सकती है, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपने परिवार का बेहतर तरीके से पालन-पोषण कर सकेंगी।
आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत महिलाएं समाज की आधारशिला मानी जाती हैं। वे न केवल बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं, बल्कि जागरूकता फैलाने, टीकाकरण और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे में उनका सम्मान और उचित वेतन मिलना आवश्यक है। गुजरात में हुई वेतन वृद्धि से अन्य राज्यों को भी महिला कर्मचारियों के अधिकारों के प्रति जागरूक होने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा।