Pre Primary ECCE Educator Good News: उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूत करने के लिए 19,000 से अधिक ईसीसीई (ECCE) एजुकेटर संविदा आधार पर नियुक्त करने जा रही है। इस प्रक्रिया की शुरुआत कई जिलों में हो चुकी है और आने वाले समय में और भी पदों पर नियुक्तियां होंगी।
इसी बीच केंद्र सरकार की ओर से भी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अहम कदम उठाया गया है। अब 3 से 6 साल तक के बच्चों को शिक्षा, पोषण और देखभाल की सुविधा एक ही स्थान पर मिलेगी। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक विद्यालयों को एक ही परिषद में जोड़ने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने संयुक्त रूप से यह घोषणा की। इस नई व्यवस्था में शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ईसीसीई एजुकेटर मिलकर काम करेंगे ताकि बच्चों को बेहतर माहौल और शिक्षा मिल सके।
यूपी में 70 हजार से अधिक बाल वाटिकाएं
उत्तर प्रदेश में फिलहाल 70,000 से ज्यादा बाल वाटिकाएं संचालित हो रही हैं। इन संस्थानों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कार्यरत हैं। अब इन बाल वाटिकाओं को और सशक्त बनाने के लिए बड़ी संख्या में ईसीसीई एजुकेटर की नियुक्ति की जा रही है। पहले चरण में 10,000 से अधिक पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं दूसरे चरण में 8,800 एजुकेटर संविदा पर लिए जाएंगे। पहले चरण के चयनित उम्मीदवारों का प्रशिक्षण जारी है और जल्द ही इन्हें स्कूलों में नियुक्त कर दिया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया और अंतिम तिथि
जो युवा इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं, उनके लिए यह सुनहरा मौका है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिलावार आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। मथुरा और कुशीनगर जिलों के लिए आवेदन की प्रक्रिया फिलहाल जारी है।
- मथुरा में 59 पद और आवेदन की अंतिम तिथि 7 सितंबर तय की गई है।
- कुशीनगर में 185 पद हैं और यहां आवेदन की अंतिम तिथि 10 सितंबर रखी गई है।
इच्छुक उम्मीदवार उत्तर प्रदेश सेवायोजन पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
योग्यता और आयु सीमा
ईसीसीई एजुकेटर बनने के लिए अभ्यर्थी के पास गृह विज्ञान में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा नर्सरी टीचिंग, डीपीएसई या अन्य मान्यता प्राप्त समकक्ष दो वर्षीय डिप्लोमा धारक भी आवेदन कर सकते हैं। आयु सीमा 21 से 40 वर्ष रखी गई है।
मानदेय और सेवा अवधि
चयनित एजुकेटर को प्रतिमाह ₹10,313 का मानदेय दिया जाएगा। शुरुआत में यह नियुक्ति 11 महीने के लिए संविदा आधार पर होती थी, लेकिन अब राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के नियमों के तहत अवधि को 3 साल तक बढ़ा दिया है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर सेवा का नवीनीकरण भी किया जा सकेगा।
यह भर्ती न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार का भी बड़ा अवसर साबित होगी। प्रदेश सरकार का मानना है कि प्रशिक्षित और योग्य एजुकेटर बच्चों की नींव को मजबूत करेंगे, जिससे आगे की पढ़ाई आसान और प्रभावी हो सकेगी।
Drawing and Sketching teacher
Devera